Dalip Shree Shyam Comp Tech. 9811480287
Bhakti Baba Khatu Shyam

shyam aartiJAI SHREE SHYAM JI CLICK FOR ⇨ SAIJAGAT.COM  || SHYAM AARTI  || SHYAM RINGTUNE  || SHYAM KATHA  || SHYAM GALLERY  || CHULKANA DHAM  ||

shyam aarti

भक्ति संग्रह


All the Shyam devotees are welcome at our website www.babakhatushyam.com. On this page, you will find the full faith and devotional bhakti sangreh of Baba Khatushyam.So come and go deep in the devotion of Baba.



।। बैकुण्ठ चतुर्दशी ।।

कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी कहते हैं, इसमें यमराज का पूजन होता है और कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुण्ठ चतुर्दशी कहते हैं। बैकुण्ठ चतुर्दशी को प्रणवेश (विष्णु) केदारेश (शंकर भगवान) की पूजा करनी चाहिये। इस दिन कमल पुष्प से पूजन किया जाय तो सर्वश्रेष्ठ है।

प्राप्तः स्नान आदि से निवृत्त हो दिन भर व्रत रखें, तथा रात्रि में भगवान विष्णु की पूजा करें। फिर शंकर जी की पूजा करें। दूसरे दिन स्नान आदि से निवृत्त हो शिवजी का पूजन करके ब्राह्मणों को जिमाकर स्वयं प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु भक्ति एवं भगवान शिव सुख संपत्ति देते हैं। लोक परलोक दोनों सुधरता है।

कथा - एक समय भगवान विष्णु ने कार्तिक शुक्ला चतुर्दशी को ब्रह्म मुहूर्त में मणिकार्णिका (यह घाट काशी विश्वनाथ में स्थित है) घाट में स्नान कर पार्वती का पूजन करके शिव जी का पूजन किया। तथा एक हजार कमल पुष्पों से अर्चन का संकल्प कर पुष्प चढ़ाने लगे। परीक्षार्थ एक पुष्प शिव लीला से कम हो गया। भगवान ने सोचा मेरे भक्त मुझे कमलनयन कहते हैं। झट से नेत्र चढ़ाने के लिये निकालने को उद्यत हुए, भोलेनाथ ने प्रगट होकर हाथ पकड़ लिया और वरदान मांगने का कहा। विष्णु भगवान ने कहा - प्रभु, राक्षसों से रक्षार्थ आयुध सूर्य की प्रभा वाला सुदर्शन चक्र प्रदान किया। और कहा जो मेरी भक्ति करता है, और विष्णु से द्वेष करता है वह घोर नरकों में वास करता है। मुझे विष्णु अतिशय प्रिय है। बैकुण्ठ से आकर चतुर्दशी को पूजन किया है, इसलिये इसका ना बैकुण्ठ चतुर्दशी होगा।

इस दिन जो पहले भगवान नारायण का पूजन कर भगवान् भूत-भावन चन्द्र मौलीश्वर भोलेनाथ का पूजन करता है, उसे बैकुण्ठ धाम प्राप्त होता है इसमें कोई संशय नहीं है।