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19.05.2024- Sunday (Shukla Paksha)
भागवान कृष्ण बोले- हे धर्म पुत्र ! बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम मोहनी है। उसका महात्म्य मर्यादा पुरूषोत्तम राम ने गुरू वशिष्ठ जी से पूछा था। वशिष्ठ ने कहा सरस्वती नदी के तट पर भद्रावती नाम की नगरी है, उसमें धृतमान राजा राज्य करता था उसके राज्य में एक धनपाल वैश्य रहता था, बड़ा धर्मात्मा और विष्णु का भगत था। उसके पांच पुत्र थे, बड़ा पुत्र महापापी था। जुआ खेलना, मद्यपान करना, नीच कर्म करने वाला था उसके माता-पिता ने कुछ धन देकर उसे घर से निकाल दिया। आभूषणों को बेचकर कुछ दिन उसने काट दिए, अन्त में धनहीन हो गया और चोरी करने चला पुलिस ने पकड़कर बन्द कर दिया दंड अवधि व्यतीत हुई तो नगरी से निकाला गया, वह वन में पशु-पक्षियों को मारता खाता था एक दिन उसके हाथ शिकार न लगा भूखा प्यासा कोठन मुनि के आश्रम पर आया हाथ जोड़कर बोला- मैं आपकी शरण में हूँ मैं पातकी हूँ कोई उपाय बताकर मेरा उद्धार करो। मुनि बोले बैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का एक व्रत करो, अनन्त जन्मों के पाप भस्म हो जायेंगे। मुनि की शिक्षा से वैश्य कुमार ने मोहिनी एकादशी का व्रत किया। पाप रहित होकर विष्णु लोक को चला गया इसका महात्म्य सुनने से हजारों गौ दान का फल मिलता है।
फलाहार- इस दिन गौ मूत्र का सागार लेना चाहिए।