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भगवान कृष्ण बोले- हे धर्म पुत्र ! पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम पुत्रदा है। पुत्र की कामना पूरी करने वाली है। इसके महात्म्य की कथा ऐसे है - एक समय भद्रावती नगरी में एक संकेतमान रा
भगवान कृष्ण बोले - हे युधिष्ठिर ! माघ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम षटतिला है। इसमें (1) तिल से स्नान (2) तिल से उबटन (3) तिल का हवन (4) तिलांजली तिल सहित ठाकुर की चरणोदिक (5) तिल का भोजन (6) तिल का द
श्री कृष्ण बोले - हे धर्म पुत्र ! माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम जया है। इसका महात्म्य पदम-पुराण में ऐसे लिखा है -
एक समय स्वर्गपुरी में इन्द्र के सामने गंधर्व गान कर रहे थे, अप्
भगवान कृष्ण बोले- हे युधिष्ठिर ! फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम विजया है विजय को देने वाली है। मर्यादा पुरूषोत्तम राम ने इसी व्रत के प्रभाव से लंका को विजय किया। कथा ऐसे है- ज
श्रीकृष्ण जी बोले- हे धर्मपुत्र ! चैत मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम पाप मोचनी अथवा पापों को भस्म करने वाली है। इसका महात्म्य एक दिन लोमस ऋषि से राज मानधाता ने पूछा था। लोमस ऋषि बोले-
भगवान कृष्ण बोले- युधिष्ठिर चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम कामदा है। इस का महात्म्य राजा दलीप ने गुरू वशिष्ठ से पूछा था। वशिष्ठ जी बोले-एक भोगीपुर नगर में पुण्ड्रीक नाम राजा
श्रीकृष्ण जी बोले- हे युधिष्ठिर ! फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की एकादशी का नाम आमला है। एक समय वशिष्ठ मुनि से मानधाता राजा ने पूछा, समस्त पापों का नाश करने वाला कौन व्रत है ? वशिष्ठ जो बोले-
भगवान कृष्ण बोले- हे युधिष्ठिर ! बैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम बरूथनी है। इसका व्रत महाफल दायक है। शास्त्र का लेख हाथी-घोड़ो भूमि दान को उत्तम कहता है। भूमि से तिल दान, तिल से स्
भागवान कृष्ण बोले- हे धर्म पुत्र ! बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम मोहनी है। उसका महात्म्य मर्यादा पुरूषोत्तम राम ने गुरू वशिष्ठ जी से पूछा था। वशिष्ठ ने कहा सरस्वती नदी के तट प
श्रीकृष्ण जी बोले- हे युधिष्ठिर ! ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम अपरा है। अपार संसार समुद्र से पार करने वाली है। इस व्रत से महापापों का नाश हो जाता है। जो क्षत्री का पुत्र यु